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भारतीय सरकारी ऋण योजनाएँ: Government of India Loan Schemes

 सरकारी ऋण योजनाएँ: व्यवसाय शुरू करने के लिए सरकार करती है विभिन्न प्रकार के ऋण उपलब्ध, कम ब्याज दर पर मिलता है वित्तीय सहारा

भारत सरकार ने उद्यमियों और संचालित कंपनियों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए प्रभावी पहल की हैं, जो आपके स्टार्टअप या व्यवसाय में धन प्रवाह को बनाए रखने में सहायक सिद्ध होती हैं। चलिए, जानते हैं ऐसी 6 सरकारी योजनाओं के बारे में जो आपके व्यवसाय को आर्थिक स्थिरता प्रदान कर सकती हैं।

नई दिल्ली, व्यापार डेस्क: हाल के वर्षों में भारत में उद्यमिता का स्तर बढ़ा है, जिससे स्पष्ट होता है कि लोग स्वयं के व्यवसायों की ओर अधिक आकर्षित हो रहे हैं।

किसी भी व्यवसाय या स्टार्टअप के लिए धन उतना ही महत्वपूर्ण है जितना मानव के लिए जीवनदायिनी ऊर्जा। इसे ध्यान में रखते हुए, भारत सरकार ने उद्यमियों और मौजूदा व्यवसायों को वित्तीय मदद देने के लिए कदम उठाए हैं, ताकि उनके व्यवसाय में धन प्रवाह बिना किसी रुकावट के चलता रहे।

आज हम आपको ऐसी 6 सरकारी योजनाओं के बारे में बताएंगे, जो आपके स्टार्टअप या मौजूदा व्यवसाय में निरंतर धन प्रवाह को सुचारू बनाए रखने में मददगार साबित हो सकती हैं।

एमएसएमई ऋण योजना (MSME Loan Scheme)
माइक्रो, स्मॉल और मीडियम इंटरप्राइजेज (MSME) को उनकी वित्तीय आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए, सरकार ने एमएसएमई ऋण योजना की शुरुआत की है। इसके तहत, कोई भी नया या मौजूदा उद्यमी 1 करोड़ रुपये तक का ऋण प्राप्त कर सकता है।
आवेदन प्रक्रिया पूरी होने में लगभग 8-12 दिन का समय लगता है, और स्वीकृति/अस्वीकृति के लिए केवल 59 मिनट का समय निर्धारित होता है।

क्रेडिट गारंटी फंड योजना (Credit Guarantee Fund Scheme)
सीजीटीएमएसई (सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिए क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट) ने लंबे समय से एमएसएमई को बिना संपार्श्विक (Collateral) के ऋण प्रदान करने की सुविधा दी है। इस योजना के तहत, 10 लाख रुपये तक का वर्किंग कैपिटल ऋण बिना किसी गारंटी के दिया जाता है।

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (Pradhan Mantri MUDRA Yojana)
यह योजना विशेष रूप से महिला उद्यमियों और सेवा या व्यापार से जुड़े उद्यमों के लिए उपयुक्त है। इसमें बिना संपार्श्विक ऋण की सुविधा होती है, और पुनर्भुगतान की अवधि को भी बढ़ाने का विकल्प मिलता है।
मुद्रा योजना के तहत तीन श्रेणियों में आवेदन किए जा सकते हैं:

  • शिशु मुद्रा ऋण - 50,000 रुपये तक का ऋण 1-2% वार्षिक ब्याज पर।
  • किशोर मुद्रा ऋण - 5 लाख रुपये तक का ऋण 8.60%-11.15% ब्याज दर पर।
  • तरुण मुद्रा ऋण - 10 लाख रुपये तक का ऋण 11.15%-20% ब्याज दर पर।

राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम योजना (NSIC Scheme)
इस योजना के अंतर्गत दो प्रकार के ऋण दिए जाते हैं:

  1. मार्केटिंग सहायता योजना: इस योजना में धनराशि का उपयोग अपनी प्रतिस्पर्धा क्षमता और बाजार में मूल्य बढ़ाने के लिए किया जा सकता है।
  2. क्रेडिट सहायता योजना: इस योजना में कच्चे माल की खरीद, विपणन आदि के लिए वित्तीय सहायता दी जाती है।

क्रेडिट-लिंक्ड कैपिटल सब्सिडी योजना (CLCSS)
यह योजना विशेष रूप से उन उद्यमों के लिए बनाई गई है जो तकनीकी प्रगति के लिए वित्तीय सहायता चाहते हैं। इसमें आपूर्ति श्रृंखला, उत्पादन और विपणन जैसी जरूरतों के लिए अनुदान उपलब्ध होता है।

सिडबी ऋण (SIDBI Loan)
भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) एमएसएमई व्यवसायों को वित्तीय सहायता प्रदान करने वाली सबसे प्रमुख संस्थाओं में से एक है।

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